इंट्रोडक्शन!
लीवर साफ करने के उपाय! – इस पोस्ट में हम बात करेंगे, कि क्यों हमारा लीवर टॉक्सिन से भर जाता है! वह कौन से साइंस है, जिसे पता चलता है कि लीवर में गंदगी जमा हो रही है। लीवर को डिटॉक्सिफाई करने के बेस्ट फूड्स और आयुर्वेदिक स्क्रिप्चर्स में मेंशन 3 मोस्ट इफेक्टिव तरीके।
जिनके जरिये आप आसानी से लीवर को डिटॉक्सिफाई कर सकते हैं। चलिए तो फिर बिना किसी देरी के शुरू करते हैं!
1. लिवर को साफ़ रखना क्योँ जरुरी?
दोस्तों सबसे पहले तो यह जानना है, कि लीवर का हेल्दी रहना क्यों जरूरी है! आप एक डस्टिंग वाले कपड़े का एग्जांपल लो। अगर वो खुद ही गंदा हो रखा हो, तो वह और चीज कैसे साफ करेगा।
इसी तरह से लीवर भी हमारे बॉडी में गंदगी की सफाई करता है। लिवर बॉडी में मौजूद टॉक्सिंस को, वेस्ट मटेरियल में कन्वर्ट कर देता है। जो अलग-अलग जगह से बाहर निकल जाते हैं। इसलिए अगर लीवर की फंक्शनिंग रुक जाए,

तो गंदगी बाहर नहीं निकल पाएगी और टॉक्सिक बॉडी में जमा रहेंगे, जिससे गंभीर बीमारियां हो सकते हैं। तो पता कैसे चले कि हमारे लीवर में गड़बड़ चल रही है? लिवर बॉडी का बहुत ही इंपॉर्टेंट अंग है, जिसकी जिम 500 से भी ज्यादा फंक्शन है।
क्योंकि लीवर इतना इंपोर्टेंट है, तो जब कभी भी लीवर में गड़बड़ होने लगती है, तो बॉडी बड़ी प्रोएक्टिवली संदेस और सिगनल देती है। इनमें से कॉमन है ” स्किन पर काले धब्बे, होना और बालों का उम्र से पहले सफेद होना। इन दोनों से क्लीयरली पता चलता है, कि लीवर में गर्मी बड़ी हुई है।
लीवर का एक इंर्पोटेंट फंक्शन है, फैट को ब्रेकडाउन कर देना। इसलिए अगर आपके शरीर की चर्बी बढ़ रही है, या वेट कम नहीं होता है। तो शायद आपको लिवर डिटॉक्स करने की जरूरत है।
a) लिवर खराब की पहचान! / लिवर खराब के लक्षण!
बॉडी में आयरन को अब्जॉर्ब करने के लिए लीवर की जरूरत पड़ती है! इसलिए अगर आपको आयरन की डिफिशिएंसी है, तो आपको लीवर पर ध्यान देने की जरूरत है। बाकी वार्निंग साइन ” जैसे कि हमेशा थकान बने रहना, मुंह से बदबू आना,

स्किन और आइस में पीलापन होना, यूरिन का कलर डार्क येलो होना, भूख न लगना, पैर या बाकी बॉडी पार्ट्स में स्वेलिंग होना, हाई ट्राइग्लिसराइड्स का बढ़ना, खुजली होना, एलर्जी होना, टट्टी का कलर फीका या ऑरेंज होना, या जल्दी जख्म होना। यह सब लीवर की गड़बड़ी के लक्षण है।
अगर टाइम रहते इन सिगनल्स पर काम न किया गया, तो यही साइन आगे चलकर खतरनाक बीमारियों का रूप ले सकते हैं। तो अब सवाल यह उठता है, कि हमारा लीवर टॉक्सिक कैसे हो जाता है?
2. लिवर खराब क्यों होता है?
वैसे तो लीवर काफी स्ट्रांग होता है! लेकिन अगर बहुत ज्यादा ही बर्डन (बोझ ) बढ़ने लगे, तो यह अपनी एफिशिएंसी खोने लगता है। काफी फैक्टर है! एयर और वॉटर पॉल्यूशन को अगर छोड़ भी दें, एक बार में ज्यादा अल्कोहल का पीना,
स्मोकिंग, फूड में पेस्टिसाइड्स, बहुत ज्यादा दवाइयां का सेवन करना, खाने में रिफाइंड तेल का इस्तेमाल करना, बोहत ज्यादा ही पैकेट वाले स्नेक्स खाना, मिठाइयां खाने से नॉनवेज खाने से, और फैटी फूड खाने से लीवर पर जोर पड़ता है।

बेसिकली आप जितनी ज्यादा टॉक्सिंस के कांटेक्ट में आओगे, उतना ही हार्ड होगा आपके लिवर के लिए उनको डिटॉक्सिफाई करना। और जब जब आप गुस्से या इरिटेट होते हो तो आपके लवर पर असर आता है। क्योंकि एंगर इमोशन का क्लोज रिलेशनशिप है लीवर के साथ।
इस बात में तो कोई शक नहीं है, कि हमारी बॉडी डीप स्लीप में खुद को डिटॉक्सिफाई करती है। वहीं अगर आप स्लिप पर कंप्रोमाइज करोगे, तो लीवर को डिटॉक्सिफाई करने का मौका ही नहीं मिलेगा। तो फिर कैसे लीवर की सफाई करें?
3. लिवर की सफाई कैसे करें? लीवर साफ करने के उपाय।
पहली बात तो यह, की लवर को टॉक्सिक करने वाले जितने भी कारण है, उन पर अगर हम लगाम लगा दे। तो लीवर पर लोड पड़ेगा ही नहीं और वह अपना काम खुद-ब-खुद करता रहेगा। लेकिन अगर हम फिर भी थोड़ी अच्छी सफाई करना चाहते हैं!
तो आयुर्वेदिक संहिताओं में कुछ असरदार तरीकों का मेंशन आता है, जो लीवर को बड़ी जल्दी से डिटॉक्सिफाई करते हैं। इन सभी तरीकों में से मैंने 3 तरीकों को चुना है! जो मुझे लगता है कि इजी है, प्रैक्टिकल है, और इफेक्टिव तो है ही।
A) गन्ने का जूस।
सबसे पहले है, एक गिलास गन्ने का जूस खाली पेट लगातार 15 दिन तक पीना। दोस्तों बहुत सी स्टडी से यह बात आज क्लियर है, कि गाने का जूस लीवर के लिए मेडिसिन का काम करता है।

इसलिए तो डॉक्टर भी जॉन्डिस में गाने का जूस पीने की सलाह देते हैं। गन्ने के जूस में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स लीवर को इन्फेक्शन के अगेंस्ट प्रोटेस्ट करते हैं। और बिलुरुबिन लेवल्स को भी कंट्रोल में रखते हैं।
( बिलीरुबिन का स्तर 0.2 और 1.3 मिलीग्राम प्रति डेसीलिटर (mg/dL) के बीच होना सामान्य माना जाता है। बिलीरुबिन का स्तर बढ़ने की वजह से लिवर रोग (हेपेटाइटिस या सिरोसिस), पित्त नली में रुकावट या रेड ब्लड सेल्स (हेमोलिसिस) के टूटने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। )
अगर आप इसमें अदरक और नींबू का रस मिलता ले, तो इसका फायदा और भी बढ़ जाता है। आप गन्ने के जूस को या तो ब्रेकफास्ट से 1 घंटे पहले पी सकते हैं, या फिर लंच के तीन-चार घंटे बाद। सूरज डालने के बाद गन्ने के जूस को पिने से बचे।
गन्ने का जूस सस्ता है, टेस्टी है, और सारा साल बड़ी आसानी से मिल जाता है।
B) भृंगराजासव। भृंगराजासव के फायदे।
आयुर्वेद की यह क्लासिकल फॉर्मूलेशन भ्रिंगराज, हरिताकी, ढाई-फूल, नाग-केसर जैसे 20 जड़ीबूटियों से बनी है। यह बलों और स्क्रीन की प्रॉब्लम्स में बहुत हेल्पफुल है। वह इसीलिए क्योंकि इसका डायरेक्ट एक्शन लिवर पर होता है।

इन फैक्ट स्टडी से यह प्रूफ हो चुका है, कि भ्रिंगराज लिवर डैमेज को हील करने के लिए मिल्क थिस्टल सीड्स से भी बेहतर है। जिसे आज जगह-जगह लीवर सप्लीमेंट के रूप में बेचा जा रहा है।
और यही नहीं, बल्कि भ्रिंगराज, मिल्क थिस्टल सीड्स से काफी सस्ता भी है। आपको भ्रिंगराजसव के 4 बड़े चम्मच उतना ही पानी मिलाकर, दिन में एक बार खाना खाने के बाद लेने हैं। आप किसी भी रिप्यूट ब्रांड का भ्रिंगराजसव खरीद सकते हैं।
ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही मिल जाएगा। बस एक बोतल काफी है आपके लिवर को हिल करने के लिए। यह जल्दी पचता है, ज्यादा इफेक्टिव है, और बिना किसी साइड इफेक्ट के यह मार्केट में मौजूद, बाकी लिवर डिटॉक्स सिरप से बहुत बेहतर है।
C) कुटकी
तीसरा ऑप्शन है कुटकी! स्वाद में कड़वी, ठंडी, और अपनी क्लींजिंग और एंटी-माइक्रोबॉयल प्रॉपर्टीज के लिए मशहूर है। आयुर्वेद में कुछ की लिवर के लिए बेस्ट हब्र्स में से एक है। एक स्टडी में चूहों की बॉडी में लिवर डैमेजिंग एजेंट को इंजेक्ट किया गया। फिर थोड़ी सी कुटकी देने के बाद, देखा तो उनका लिवर काफी हद तक हील हो चुका था।

कुटकी इतनी इफेक्टिव है, कि लीवर की काफी सीरियस प्रॉब्लम्स में भी प्रिसक्राइब की जाती है। और यह सेफ भी है, इसके कोई साइड इफेक्ट भी नहीं हैं। आपको बस आधा छोटा चम्मच कुटकी पाउडर का, आधा चम्मच शहद के साथ मिलकर लेना है।
सुबह ब्रेकफास्ट से 1 घंटे पहले 15 दिन लगातार ले लो, आपका लिवर फिर से हील हो जाएगा। यह तीनों ही रेमेडीज अपने आप में बड़ी कारगर है। आप अपनी कन्वीनियंस के हिसाब से चूज कर सकते हैं।
आप चाहो तो 15 दिन के लिए एक साथ, 2 या 3 रेमेडीज को फॉलो कर सकते हो। दोस्तों फ्रेश सीजनल फूडस खाने से, लिवर हेल्थ बड़ी अच्छी रहती है। फिर भी लीवर के लिए आपको बेस्ट फूड पता होने चाहिए।
4. liver ke liye kya khaye aur liver ko healthy kaise rakhe?
हल्दी एक बहुत ही अच्छा फूड है! आप रोज रात को सोने से पहले हल्दी वाला दूध बनाकर पी सकते हैं। इसके अलावा मेथी दाना, अदरक, और गुड़ भी लिवर हेल्थ के लिए बड़े अच्छे हैं। फलों में अंगूर, नाशपाती, नींबू, नारियल, और आंवला काफी फायदेमंद है।
फिर चोखेर वाले अनाज, हरी पत्तेदार सब्जियां, ड्राई फ्रूट, वगैरा लिवर क्लींजिंग में हेल्पफुल है। बेट्रूट और गाजर का किसी भी रूप में सेवन करना, लीवर को हेल्प करता है। लीवर की टाक्सीसिटी ना बड़े, इसके लिए आप कुछ-कुछ कर सकते हो।
जैसे की जब भी सब्जियां बहार से खरीद के लाओ, तो आप बेकिंग सोडा सॉल्यूशन में धो लो, ताकि काफी हद तक पेस्टिसाइड्स निकल जाए। खाना बनाने के लिए रिफाइंड तेलों को छोड़, कच्ची घानी का तेल इस्तेमाल करना शुरू करदें।
रोज 15 मिनट योग जरूर करें, जंक फूड से परहेज करें, और लोहे के बर्तन इस्तेमाल करें, इससे लिवर हेल्दी रहेगा।
Summary
लीवर पर टॉक्सिक ओवरलोड जितना हो सके उतना कम करदें। ऐसे फूड्स को अपनी डाइट में शामिल करें, जिसे लिवर स्ट्रांग हो। स्लिप पर कंप्रोमाइज बिल्कुल भी ना करें। (गन्ने का जूस, भृंगराजासव, कुटकी )इन तीनों में से किसी एक, या एक से ज्यादा रेमेडी को चूज़ करें और बिना किसी गैप के 15 दिन तक अच्छे से आजमाएं।
जब बात आती है डिटॉक्स करने की, तो लीवर हमारा सबसे अच्छा दोस्त है! इसलिए लीवर का ध्यान रखना हमारी हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद है। अगर इस पोस्ट में मेंशन जो भी चीज़ें हैं, आप अच्छे से फॉलो करेंगे। तो आपका लिवर फिर से हेल्दी हो जाएगा। और आप खुद को हल्का और एनर्जेटिक महसूस करेंगे।