
क्या आप भी जानना चाहते हैं के Macronutrient or Micronutrient Mein Kya Fark Hai? अगर हाँ! तो इसको एक बार पढ़लो, और कहीं जाने के जरुरत नहीं पड़ेगी।
जैसे कि आप न्यूट्रिएंट्स का एक फ्लो चार्ट देख पा रहे हैं ऊपर जो मैंने दिया है। यहां पर जो न्यूट्रिएंट होते हैं उनको दो कैटेगरी में क्लासिफाये किया गया है जिसमें से पहले होती है, मैक्रोन्यूट्रिएंट्स, इसमें तीन चीज मैनली आती है जैसे -: प्रोटीन आता है कार्बोहाइड्रेट आता है फैट्स आते हैं।
वही जो दूसरी कैटेगरी होती है वह है माइक्रोन्यूट्रिएंट उसके अंदर मेनली दो चीज आती है मिनरल्स आते हैं और विटामिनस आते हैं, तो चलिए यह न्यूट्रिएंट के फ्लो चार्ट को थोड़ा और भी डिटेल में समझते हैं।
Macronutrient or Micronutrient Mein Kya Fark Hai? चलिए जानते हैं!
जो आपको सबसे पहली चीज दिख रही होगी वह होगी मैक्रोन्यूट्रिएंट्स (Macronutriet) यहां Macronutriet में Macro शब्द लगा हुआ है, इसका मतलब तो आप अच्छी तरह से जानते होंगे। मैक्रो हम बड़ी चीज को, जो बड़ी होती है जिसको हम बड़े अमाउंट में जानते हैं उसको हम बोलते हैं Macro, ठीक है?
वही जो माइक्रो (Micronutrient) होता है, माइक्रो किसी छोटी चीज को बोलते हैं, सूक्ष्म चीज को बोलते हैं, स्मॉल चीज को बोलते हैं।

यहां पर जब हम माक्रो (Macro) और माइक्रो (Micro) वर्ड का मतलब समझते, जो हमारे माइंड में एक चीज आराम से क्लियर हो जानी चाहिए वह यह है, की जो मैक्रोन्युट्रिएंट्स होते हैं, वह ऐसे न्यूट्रिएंट्स होते हैं जो हमारी बॉडी को बड़ी मात्रा में चाहिए होता है।
जिससे हमारा शरीर सही से काम कर सके। वही जो माइक्रोन्यूट्रिएंटस होते हैं, यह छोटे अमाउंट में चाहिए होते हैं, कम मात्रा में चाहिए होते हैं हमारे शरीर को जिससे हमारा शरीर सही से काम कर सके।
यहां पर जो बेसिक सा डिफरेंस होता है मैक्रोन्यूट्रिएंट्स में और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स में वह यह है, कि माक्रो (Macro) मतलब बड़े अमाउंट में चाहिए, माइक्रो (Micro) मतलब हमारे शरीर को यह छोटे अमाउंट में चाहिए। जैसे की जो मैक्रोन्यूट्रिएंट्स होते हैं उनकी अगर हम केटेगरी देखें, तो ए प्रोटीन हो गए, कार्बोहाइड्रेट हो गए, और फैट्स हो गए।
मैक्रोन्यूट्रिएंट्स होते हैं, जो हमको बड़े अमाउंट में चाहिए होते हैं लार्जर अमाउंट में चाहिए होते हैं। और वही जो माइक्रोन्यूट्रिएंट्स है वह हमको छोटे अमाउंट में चाहिए होते हैं। जैसे मिनरल्स और विटामिन हमको बहुत छोटे मात्रा में चाहिए होते हैं अपने बॉडी के लिए।
वहीं दूसरी चीज जब हम मैक्रोन्यूट्रिएंट्स जैसे प्रोटीन कार्बोहाइड्रेट और फैट्स को खाते हैं, तो हमको इसे मिलती है एनर्जी, ऊर्जा, जिससे हम डे-टू डे लाइफ में, एक्टिविटी में सही से परफॉर्म कर सकते हैं। हमारा शरीर चला पाते हैं यह सब कर पाते हैं जब हमको मैक्रोन्यूट्रिएंट्स मिलते हैं।

वही जो माइक्रोन्यूट्रिएंट्स होते हैं, उनकी क्वांटिटी बहुत कम होती है जिसे हमको इतनी एनर्जी नहीं मिलती जितनी जरूरत है, लेकिन यहां पर जो है एनर्जी मैटर नहीं करता है। यहां पर जो हमको माइक्रोन्यूट्रिएंट्स जरूरत पड़ता है,
वो हमारे बॉडी में बहुत तरह के केमिकल रिएक्शन होते हैं, माइक्रोन्यूट्रिएंट्स इन केमिकल रिएक्शन को सही से फंक्शन करने के लिए हमारे बॉडी को माइक्रोन्यूट्रिएंट्स के जरूरत पड़ती है, मिनरल्स और विटामिन की जरूरत पड़ती है।
कभी-कभी लोग question करते हैं कि जब विटामिन और मिनरल्स से कोई एनर्जी ही नहीं मिल रहा है, तो हम विटामिन और मिनरल्स क्यों कंज्यूम करें? तो मैं यहां पर आपको बता दूं, कि हमारे बॉडी के मेंटेनेंस के लिए और हमारे बॉडी के ग्रोथ के लिए, यह माइक्रोन्यूट्रिएंट्स बहुत ज्यादा जरूरी होते हैं।

जो केमिकल रिएक्शंस होते हैं, तो उनको सही से फंक्शन करने के लिए यह विटामिन और मिनरल्स जरूरत पड़ते हैं और हमको जरूर इसको कंज्यूम करना चाहिए। भले ही इनकी क्वांटिटी बहुत कम होती है लेकिन इन पर दम बहुत होता है। कभी-कभी बड़ी-बड़ी चीजों को चलाने के लिए छोटी-छोटी चीज जरुरत होती है।
एक्साम्पल के तौर पर अगर बहुत बड़ा मिसाइल है, अगर उसका फ्यूज कंडक्टर निकाल दिया गया तो फिर वह किसी काम का नहीं रहता है। ठीक इसी तरह हमारे बॉडी के साथ भी होता है अगर हम विटामिन सही से कंज्यूम नहीं करते जितनी मात्रा में हमारे बॉडी को जरूरत है अगर वह नहीं करते तो फिर हमारा शरीर अच्छे से काम नहीं करता। एक गोल्डन स्टेटमेंट दे रहा हूं अपने कॉपी में लिख लीजिए।
बड़ी-बड़ी चीजों को चलाने के लिए कभी-कभी छोटी-छोटी चीजों की जरूरत पड़ती है। आप कुल्हाड़ी से बड़े-बड़े पेड़ काट सकते हैं, लेकिन उससे आप अपने चेहरे के बाल को नहीं साफ कर सकते। अगर आपको दाढ़ी बनानी है, तो आपको ब्लेड का इस्तेमाल करना पड़ेगा।
तो ठीक इसी तरह से, बड़ी चीज की भी जरूरत होती है और छोटी चीज़ की भी जरूरत होती है। कहने का मतलब ये है कि जितनी जरूरत हमको मैक्रोन्यूट्रिएंट्स का होती है, उतनी ही जरूरत हमको माइक्रोन्यूट्रिएंट्स के भी होते हैं। दोनों मिलने से ही तो हमारा एक न्यूट्रिशन प्रोफाइल कंप्लीट होता है।
Vitamin kitne prakar ke hote?
अगर हम अपने शरीर को अछेसे चलाना चाहते हैं, तो जो बड़े मैक्रोन्यूट्रिएंट्स हैं यानि कार्बोहाइड्रेट, फैट्स और प्रोटीन हमको कंज्यूम करना पड़ता है, ताकि हम इसे एनर्जी ले सके। और ऐसे ही जो छोटे माइक्रोन्यूट्रिएंट्स है जैसे विटामिन और मिनरल्स, इनको भी खाने पढ़ते हैं।

और यहां पर 13 तरह के अलग-अलग विटामिन होते हैं और 16 तरह के अलग-अलग एसेंशियल मिनरल्स होते हैं। तो इनकी भी जरुरत होती है हमारे बॉडी में केमिकल रिएक्शंस को अछेसे परफॉर्म कर सके।
यहाँ पर जो ये मैक्रोन्यूट्रिएंट्स और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स के कुछ और चीज़ें हैं जो लोगों को कंफ्यूज करती हैं। तो पहली चीज आती है यहां पर वो है मैक्रोस (Macros) . जो डाइटिशियन हो या ट्रेनर हो, वह हमेशा बोलते हैं आपके मील के मैक्रोस किया है?
आप कितने माइक्रोस ले रहे हैं? इसका मतलब होता है कि मैक्रोन्यूट्रिएंट्स जैसे, कि प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और फैट्स आप कितने मात्रा में ले रहे हो, वो उसके बारे में पूछ रहे होते हैं। तो इन सिंपल वर्ड – मैक्रोस (Macros) शॉर्ट फॉर्म होते हैं मैक्रोन्यूट्रिएंट्स के। समझ में आया?
अब आते हैं दूसरी तरफ हम जो माइक्रोन्यूट्रिएंट्स कहते हैं कंज्यूम करते हैं उसमें कितना जो कैलोरीज होते हैं तो इसका डायरेक्ट और सिंपल कैलकुलेशन है। अगर आप 1 ग्राम प्रोटीन खाते हैं, तो आपको 4 कैलोरीस मिलती हैं।
वहीँ अगर आप एक ग्राम कार्बोहाइड्रेट कंज्यूम करते हैं तो भी आपको चार कैलोरीज मिलते हैं, लेकिन आप अगर 1 ग्राम फैट कंज्यूम करते हैं तो आपको 9 कैलोरीज मिलते हैं।
Energy ko kese calculate karein?
अगर हम इसकी एप्लीकेशन के बात करें तो आप अगर कोई मील कंज्यूम करते हैं, सपोज आप एक मिल कंज्यूम करते हैं जिस मिल में है प्रोटीन 2 ग्राम और कार्बोहाइड्रेट 4 ग्राम और फैट है 5 ग्राम, तो इसकी एनर्जी आप किस तरह कैलकुलेट करेंगे?

अगर आप इस तरह के मिल कंज्यूम करेंगे तो, आपकी बॉडी को कितनी एनर्जी मिलेगी? चलिए जान लेते हैं। अगर प्रोटीन है 4 ग्राम तो इनको दो में गुना कर दीजिए तो आएगा 8 ग्राम। अगर कार्बोहाइड्रेट है कर तो इसको गुणा कर दीजिए 4 से, तो 16 मिल जाएगा, फिर अगर आप फैट 5 ग्राम ले रहे हैं तो उसको गुणा 9 से कर दीजिए तो, टोटल 45 कैलोरीज आपको मिलेंगे।
ये जो 3 माक्रोस हैं, इनको ऐड कर दीजिए टोटल होता है 69 कैलोरीज। अगर आप यहाँ मिल 1 कंज्यूम करते हैं तो आपको 69 कैलोरीज की एनर्जी मिलेगी।
यहां पर मैंने आपको एक सिंपल सा फंडा बताया है, कि आपको किस तरह माक्रोस को कैलकुलेट करना हैं, फिर उसे माक्रोस से किस तरह एनर्जी को कैलकुलेट करना हैं।
अब आपको पता लग गया होगी की, Macronutrient or Micronutrient Mein Kya Fark Hai?
अब आते हैं कुछ क्वेश्चन जो आपसे सॉल्व करने हैं, इसका आंसर आप मुझे कमेंट करके बताइए।
- Water कोनसा नुट्रिएंट है? वह कौन सा न्यूट्रिएंट्स है माइक्रोन्यूट्रिएंट्स है या माइक्रोन्यूट्रिएंट्स है, इन ऑर्गेनिक कंपाउंड है या केमिकल सब्सटेंस है, आखिर वाटर है क्या?
- आपको दो डिफरेंस बताना है, मैक्रोन्यूट्रिएंट्स और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स के बीच।
इन दोनों क्वेश्चन का आंसर आप मुझे कमेंट में जरूर-जरूर लिखकर बताएं। तभी तो मुझे मालूम पड़ेगा कि कौन-कौन लोग एक्चुअली में इंटरेस्ट है। और किन-किन लोगों को यह सब बातें समझ में आ गई है।
FAQs
मैक्रोन्यूट्रिएंट्स और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स क्या हैं?
मैक्रोन्यूट्रिएंट्स और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स दोनों जरुरी नुट्रिएंट्स हैं जिन की शरीर को ठीक से काम करने के लिए जरुरत होती है। हालाँकि, वे उस अमाउंट में भिन्न होते हैं जिसकी शरीर को आवश्यकता होती है।
मैक्रोन्यूट्रिएंट्स की बड़ी मात्रा में आवश्यकता होती है और ये शरीर को ऊर्जा और ऊतकों के लिए बिल्डिंग ब्लॉक्स प्रदान करते हैं। तीन मैक्रोन्यूट्रिएंट्स हैं: कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा।
मिक्रोनुट्रिएंट्स तत्वों की कम मात्रा में जरुरत होती है, लेकिन फिर भी अच्छे हेल्थ के लिए ये आवश्यक हैं। मिक्रोनुट्रिएंट्स तत्वों में विटामिन और मिनरल्स शामिल हैं।
मैक्रोन्यूट्रिएंट्स और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स दोनों क्यों महत्वपूर्ण हैं?
अच्छे स्वास्थ्य के लिए मैक्रोन्यूट्रिएंट्स और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स दोनों जरुरी हैं। मैक्रोन्यूट्रिएंट्स शरीर को एनर्जी और Tissues के लिए बिल्डिंग ब्लॉक्स प्रदान करते हैं, जबकि माइक्रोन्यूट्रिएंट्स विभिन्न शारीरिक कार्यों के लिए आवश्यक होते हैं।
अगर आपको पर्याप्त मात्रा में मैक्रोन्यूट्रिएंट्स या माइक्रोन्यूट्रिएंट्स नहीं मिलते हैं, तो आपको स्वास्थ्य समस्याओं का अनुभव हो सकता है। उदाहरण के लिए, पर्याप्त मैक्रोन्यूट्रिएंट्स नहीं मिलने से वजन कम होना, थकान और मांसपेशियों में कमजोरी हो सकती है। पर्याप्त सूक्ष्म पोषक तत्व नहीं मिलने से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जैसे एनीमिया, स्कर्वी और रिकेट्स .
Ab clear hua macronutrients aur micronutrients ke baare mein.