Vitamin Kya Hai Aur Vitamin Kya Kam Karta Hai?

Vitamin Kya Hai

क्या आप जानना चाहते हैं की Vitamin Kya Hai? अगर हाँ ! तो आप बिलकुल सही जगह पर आये हैं। और विटामिन के कितने प्रकार होते हैं? और विटामिन के क्या रासायनिक नाम होते हैं?

1. Vitamin Kya Hai?

विटामिन एक प्रकार के कार्बनिक कंपोनेंट होते हैं, जो कि शरीर की मेटाबॉलिक एक्टिविटी के लिए बहुत ज्यादा जरुरी होते है। विटामिन जो है आपकी जो बॉडी में मेटाबॉलिक एक्टिविटी होती है। जितने भी डाइजेशन होता है उसके लिए विटामिनस बहुत इंपॉर्टेंट रोल प्ले करता है। 

Vitamin Kya Hai

2. vitamin kya kam karta hai?

आखिर विटामिन हमारे शरीर में करते क्या है/? जो हर बार हमें यह कहा जाता है: कि विटामिन का सफिसेंट क्वांटिटी हमारे शरीर में होना ही चाहिए। नहीं तो हमारा शरीर कभी भी स्वस्थ नहीं रहेगा। ऐसा क्या करते हैं विटामिन? जिससे इसे माइक्रोन्यूट्रिएंट्स में से गिना जाता है। 

इसकी थोड़ी सी अमाउंट हमारे शरीर को चाहिए ही चाहिए! शरीर के नॉर्मल मेटाबॉलिज्म को बनाए रखने के लिए।

यह Vitamin Kya Hai? यह विटामिन एक कार्बनिक कंपाउंड होते हैं। जो क्या करते हैं यह शरीर में जो नॉर्मल मेटाबॉलिज्म की क्रियाएं होती हैं। उनमें जो एंजाइम इंवॉल्व होते हैं, उनकी मदत करते हैं।

यह विटामिन एक को-एंजाइम की तरह काम करते हैं। विटामिन D और विटामिन E एक्सेप्शन है! दोस्तों! विटामिन माइक्रोन्यूट्रिएंट्स में से गिने जाते हैं, मतलब उनकी बहुत ही कम अमाउंट में हमें नेचुरल फूड से डेली रिक्वायरमेंट होती है। जैसे ग्रीन वेजिटेबल, फ्रूट्स और एग्स जैसी चीजों से। खासतौर पर वॉटर सॉल्युबल विटामिन, जैसे B-कंपलेक्स और विटामिन C

अगरआप यह सब हेल्दी फूड नहीं खाते हो, तो आपको विटामिन की डिफिशिएंसी होगी। और आपकी बॉडी सही से फंक्शन नहीं कर पाएगी। और यही विटामिन जब शरीर में जाते हैं, तो दरअसल कुछ विटामिन तो आसानी से वाटर में सॉल्युबल हो जाते हैं। यानी हमारे शरीर में आसानी से समा जाते हैं।

जिनका अब्जॉर्प्शन हमारे स्मॉल इंटेस्टाइन में आसानी से हो जाता है। लेकिन कुछ विटामिन वाटर में सॉल्युबल ना होकर, फैट यानी लिपिड में सॉल्युबल होते हैं। फिर उनका डाइजेशन थोड़ा मुश्किल होता है। मतलब विटामिन भी 2 प्रकार के होते हैं: वॉटर सॉल्युबल विटामिन और फैट सॉल्युबल विटामिन। 

3. water soluble vitamins kya hai?

जब हम ऐसे फूड खाते हैं, जिसमें यह विटामिन होते हैं। तो जैसे ही हमारे स्टमक में यह वॉटर सॉल्युबल विटामिंस आते हैं, यह हाइड्रोलाइज्ड हो जाते हैं। जो हमारे फूड में कंपलेक्स प्रोटीन होते हैं, उसे यह अलग हो जाते हैं। 

Small intestine

और स्माल इंटेस्टाइन में जाते ही, बहुत ही आसानी से यह ब्लड में डायरेक्टली अब्जॉर्ब हो जाते हैं। ऑब्जर्व होने के बाद यह सीधे लीवर में जाते हैं! जहां से यह जरूरत की जगह पर भेजे जाते हैं। हालांकि यह प्रक्रिया इतना आसान नहीं होता है।

वॉटर सॉल्युबल विटामिंस 2 होते हैं: विटामिन C और विटामिन B कंपलेक्स। सभी का पाचन अलग-अलग तरीके से होता है और अलग-अलग बायोकेमिकल का इंवॉल्वमेंट है इन विटामिन के डाइजेशन में। आपको यह बता दें कि विटामिन B12, B कांप्लेक्स का सबसे इंपॉर्टेंट विटामिन है। 

एक स्टडी में यह बताया गया है कि 47% नॉर्थ इंडियन में विटामिन बी 12 की डिफिशिएंसी है। यह बहुत हीकॉमन है कि एक इंडियन में B12 की कमी हो। इसलिए गंगेटिक प्लेन के रहने वाले अधिकतम लोगों का स्वास्थ्य कमजोर ही देखने को मिलता है। 

vitamin b12 study

विटामिन डिफिशिएंसी से बहुत बीमारियां होती हैं और बीमारियां इंसान को सबसे ज्यादा हानि पहुंचाते हैं। यह नानी मन की भी होती है और तन की भी। 

इंसान सारी मोह माया को छोड़ कर सिर्फ यही मांगता है कि उसका शरीर दोबारा से स्वस्थ हो जाए। भले ही इसके लिए उसे कोई भी कीमत क्यों न चुकानी पड़े। तो सबसे बड़ी दौलत क्या हुई? हमारा हैल्थ और हमारा शरीर! 

वही फैट सॉल्युबल यानी लिपिड सॉल्युबल विटामिन, जैसे विटामिन A, D, E, और K का पाचन, बिल्कुल लिपिड के पाचन की तरह ही थोड़ा कॉम्प्लिकेटेड होता है। और सही मायने में बताएं, तो इन्हें फैट के साथ लेना ही ज्यादा सही होता है। जैसे कि घी वगैरा के साथ।

लेकिन जैसा आपको पता है, कि लिपिड का डाइजेशन बाइल जूस (Bile Juice) के कारण यानी पित्त के कारण होता है। डिफरेंट प्रोसेस से गुजरते-गुजरते जब बाइल जूस फैट्स को बिल्कुल छोटे-छोटे बबल्स में कन्वर्ट कर देता है।

तब पेनक्रिएटिक लाइपेज इन्हीं फैट्स को ब्रेकडाउन कर देता है फैटी एसिड में। और फिर यही फैटी एसिड बाइल सर्ट के साथ मिलकर जब माय सेल्स बनाते हैं। ठीक उसी वक़्त यही फैट सॉल्युबल विटामिंस भी, इसी के साथ बंध कर इसी में घुलकर, हमारे शरीर में ऑब्जर्व हो जाते हैं। 

ये लिंफेटिक बिशेस के जरिये यह ब्लड में चले जाते हैं। वहां से लीवर में जाते हैं और जरूरत के अनुसार इस्तेमाल में आते हैं। और फैट सॉल्युबल विटामिंस, दरअसल यह हमारे फैट डिपॉजिट में जैसे एडिपॉस टिस्सुऔर फैट्स में स्टोर हो जाते हैं। 

और जब भी शरीर को इनकी जरूरत होती है, उसी के हिसाब से, दोबारा शरीर में रिलीज होकर उसकी जरुरत को पूरा कर देते हैं। जरुरत से ज्यादा फैट सॉल्युबल विटामिंस, शरीर में टाक्सीसिटी भी कर देता है। एक स्टेज पर यह सीरियस भी हो सकता है।

4. वॉटर सॉल्युबल विटामिंस ज्यादा लेने से?

वही यह जो वॉटर सॉल्युबल विटामिंस है, जैसे B-कांप्लेक्स और विटामिन C येशरीर में कहीं स्टोर नहीं होते हैं, इनको डेली लेना पड़ता है। अगर हम इसकी मात्रा ज्यादा ले लेते हैं, तो भी हमारे यूरिन के थ्रू यह शरीर से बाहर आ जाता है। 

और जोकि ये कहीं स्टोर नहीं होता है, इसलिए इसकी हमें डेली जरूरत होती है। अगर हम दो फैट सॉल्युबल विटामिन, विटामिन D और विटामिन E को निकाल दे। तो जो भी विटामिन है, वह सभी के सभी को-एंजाइम यानी को-फैक्टरकी तरह काम करते हैं। 

को-फैक्टर वह जो सेल के नॉर्मल मेटाबॉलिज्म, जैसे एनर्जी रिलीज में। और सेल में जो कैटाबॉलिज्म एक्टिविटी होती है, उसमें यह पार्टिसिपेट करते हैं। विटामिन A की डिफिशिएंसी अगर आपको हो जाती है, तो आपका विजन कमजोर हो सकता है। 

विटामिन C की कमी से आपको स्किन की प्रॉब्लम हो सकती है। मसूड़े आपकी कमजोर हो सकते हैं। विटामिन बी-कांप्लेक्स तो बहुत ही इंपॉर्टेंट है। क्योंकि इसमें कुल आठ विटामिन होते हैं, इन विटामिन की कमी से तो कई तरीके के डिसऑर्डर भी हो सकते हैं। 

Blood clotting
From Canva

जैसे हार्ट डिसऑर्डर, ब्लड प्रेशर का बढ़ना या घटना जैसी चीज। विटामिन D कैल्शियम को अब्जॉर्ब करने में मदद करता है। विटामिन A  एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है।  और अगर विटामिन K ना हो, तो कभी भी ब्लड क्लॉट ही नहीं होगा, अगर आपको कभी चोट लग जाएगी तो।


Last Words

तो आपको यह पढ़ने के बाद तो अंदाजा हो गया होगा कि Vitamin Kya Hai Aur Vitamin Kya Kam Karta Hai? विटामिन हमारे शरीर के लिए बहुत ही ज्यादा जरूरी होते हैं। दो तरह के विटामिन होते हैं: एक फैट सॉल्युबल और एक वॉटर सॉल्युबल विटामिंस।

और इनका क्या काम है ऑलरेडी मैंने ऊपर बता रखा है आप जाकर फिर से उसे पढ़िए अगर समझ में ना आए दोबारा पढ़िए। और अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करिये।

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